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মণিপুৰত ৰাহুল গান্ধী | ৰাহুল গান্ধী মণিপুৰ পালে, বিমানবন্দৰৰ পৰা মাত্ৰ অলপ দূৰৈত কংগ্ৰেছৰ কনভয় ৰখাই দিলে আৰক্ষীয়ে

RAHUL-GANDHI

नई दिल्ली. जहां एक तरफ मणिपुर बीते 3 मई से हिंसा की चपेट में झुलस रहा है। वहीं यहां शांति प्रयासों पर अब तक की गई कोशिशें ज्यादा कारगर साबित नहीं हो सकी हैं। फिलहाल कांग्रेस नेता और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी मणिपुर में पहुच चुके हैं। वो यहां दो दिन दौरे पर हैं। लेकिन खबरों के मुताबिक एयरपोर्ट से कुछ दूर पर एक पुलिस चेक पोस्ट पर राहुल गांधी का काफिला स्थानीय पुलिस ने फिलहाल रोक दिया है। जी हां, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के काफिले को मणिपुर पुलिस ने आज बिष्णुपुर में रोक दिया।

इधर मामले पर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने जानकारी दी कि, “राहुल गांधी के काफिले को बिष्णुपुर के पास पुलिस ने रोक लिया है। पुलिस का कहना है कि वे हमें इजाजत देने की स्थिति में नहीं हैं। हालांकि राहुल गांधी को हाथ हिलाने के लिए अनेकों लोग सड़क के दोनों ओर खड़े हैं। हम समझ नहीं पा रहे हैं कि पुलिस ने हमें क्यों रोका है?

गौरतलब है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी मणिपुर दौरे पर आज इंफाल पहुंचे। वह फिलहाल राज्य के दो दिवसीय दौरे पर हैं और अपनी यात्रा के दौरान यहां राहत शिविरों का दौरा करेंगे और इंफाल और चुराचांदपुर में नागरिक समाज के प्रतिनिधियों के साथ भी बातचीत करेंगे।

जानकारी हो कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। दरअसल मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में बीते 3 मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। मणिपुर की 53% आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40% है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है।

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